महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना से 2289 अपात्र महिलाओं को हटाया
मुंबई, 4 जुलाई 2025 | स्रोत: ANI
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी एक जांच में यह पाया कि मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना का लाभ 2,289 ऐसी महिलाओं को दिया जा रहा था जो वास्तव में इसके लिए पात्र नहीं थीं।
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने विधानसभा को लिखित रूप में बताया कि ये सभी महिलाएं सरकारी कर्मचारी थीं। जांच के बाद इन सभी महिलाओं का लाभ तुरंत बंद कर दिया गया।
लड़की बहन योजना क्या है?
यह योजना महाराष्ट्र सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य 21 से 65 वर्ष की महिलाओं को ₹1500 प्रति माह की वित्तीय सहायता देना है।
यह सहायता सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर (DBT) की जाती है ताकि महिलाओं की सेहत, पोषण और पारिवारिक निर्णयों में भागीदारी को मजबूत किया जा सके।
जानिए योजना की पूरी जानकारी यहां: मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना (govt source)
बड़ी औद्योगिक घोषणाएं भी हुईं
इसी दिन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट उप-समिति की बैठक में राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए ₹1,35,371.58 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
इन प्रस्तावों से राज्य में 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से तकनीकी नवाचार, अनुसंधान और औद्योगिक ढांचे को मजबूती मिलेगी।
किन क्षेत्रों में निवेश होगा?
इस योजना के तहत कुल 19 बड़ी, मेगा और अल्ट्रा मेगा परियोजनाएं विचार के लिए लाई गईं। इनमें से 17 को मंजूरी मिल गई है।
इन परियोजनाओं में निम्नलिखित सेक्टर शामिल हैं:
- सेमीकंडक्टर
- सोलर सेल और मॉड्यूल
- ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) कंपोनेंट्स
- लिथियम-आयन बैटरियां
- एयरोस्पेस और डिफेंस इक्विपमेंट
- ग्रीन स्टील
- गैस-टू-केमिकल्स टेक्नोलॉजी
बैठक में कौन-कौन शामिल थे?
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे और अजित पवार, उद्योग मंत्री उदय सामंत, मुख्य सचिव राजेश कुमार, वित्त सचिव ओ.पी. गुप्ता, योजना सचिव राजगोपाल देवड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
यह बैठक राज्य विधानसभा भवन के कमेटी हॉल में आयोजित की गई।
निष्कर्ष
जहां एक ओर राज्य सरकार ने योजनाओं में अपात्र लाभार्थियों को हटाकर पारदर्शिता का परिचय दिया, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक निवेश के जरिए रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
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